एलायंस टुडे डेस्क
कहानी है सोनकपुर गांव की जहां भानु सिंह नामक राजा शासन चलाता था. वह राजा हमेशा से ही दुष्ट था वह बिना किसी गलती के नगर के वासियों को फांसी पर चढ़ा देता था. ऐसे ही एक बार एक नई नवेली शादी के जोड़े को भानु सिंह ने सूली पर चढ़ा दिया, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने शादी भागकर की थी. फांसी पर चढ़ते वक्त सुहागन ने भानु सिंह को कहा कि तुम एक दुष्ट राजा हो मैं तुम्हें नहीं छोडूंगी और ना ही तुम्हारे परिवार को, ऐसा कहकर वह फांसी पर चढ़ गई और मारी गई. अगले ही दिन राजा भानु सिंह अपने कमरे में फांसी पर लटके हुए मिले इससे यह पता चलता है कि सुहागन ने अपना वादा पूरा किया।
इसके बाद यह खबर पूरे नगर में तेजी से फैलने लगी खास बात यह थी कि राजा के परिवार में उसकी पत्नी पहले ही चल बसी थी लेकिन एक बेटा राजा का था जो की राजा की मौत के बाद विदेश यात्रा पर चला गया. हालांकि वह इस बात से अनजान था कि उसकी पिता की मृत्यु किसने की क्योंकि नगर के वासियों ने उसे झूठ कहकर विदेश यात्रा पर भेजा था. कुछ समय बीता और राजा का बेटा जिसका नाम विष्णु था विदेश यात्रा से लौट आया और सोनकपुर में विश्राम करने के लिए अपने महल में ठहरा, तभी उसके पास एक बूढ़ी औरत आई उसने कहा कि बेटा मैं राजा भानु सिंह की बहुत खास थी और मुझे मालूम है की राजा भानु सिंह को किसने मारा। यह सुनकर युवक विष्णु बड़ा क्रोधित हो उठा, उसने कहा दादी कृपया आप मुझे उस हत्यारे का नाम बताएं ताकि मैं उसे मार कर अपने पिता की मौत का बदला ले सकूं। बूढ़ी औरत ने कहा वह कोई इंसान नहीं जिसे तुम मार डालो वह एक आत्मा है वो भी सुहागन की आत्मा जिसे तुम्हारे पिता ने बेरहमी से उसकी शादी के दिन ही फांसी पर लटका दिया था. यह सुनकर लड़का कहता है की मुझे इससे कोई मतलब नहीं की मेरे पिता ने उस सुहागन को क्यों मारा मुझे बस इससे मतलब है की मेरे पिता को जिसने मौत के घाट उतारा है उसे मैं जिंदा ना छोडूँ, लेकिन अगर वह एक आत्मा है तो मैं उसे कैसे खत्म करूं आप ही बताएं। बूढ़ी औरत ने कहा की अगर तुम उसे मृत्यु के बाद भी दर्दनाक मौत देना चाहते हो तो तुम्हें अपनी हवेली की सीढ़ियों पर जाकर तीन बार एक मंत्र बोलना है. वह युवक सीधे अपनी महल की ओर बढ़ा और उसने अपनी महल की सीढ़ियों पर जाकर बूढ़ी अम्मा का दिया हुआ मंत्र पढ़ना शुरू किया। मंत्र को 3 बार बोलते ही खिड़कियां, दरवाजे, परदे सभी जोर जोर से हिलने लगे. यह देख युवक घबराया पर उसने हार न मानी और वह मंत्र और तेजी से पढ़ने लगा. इतने में हवेली का दरवाजा खुला जहां एक युवक ने विष्णु को नीचे बुलाया, उसने कहा तुम ऊपर क्या कर रहे हो, विष्णु बोला मुझे एक बूढ़ी दादी ने यह मंत्र सीढ़ियों के पास बोलने के लिए कहा है, फिर दुसरे युवक ने कहा कि किस दादी अम्मा ने तुम्हें यह कहा है कृपया बताएं। विष्णु ने बूढ़ीअम्मा का चित्र अपने फोन में युवक को उसी वक्त दिखाया। युवक बूढ़ी अम्मा का चित्र देख हैरान हो गया और घबराने लगा उसने कहा कि यह बूढ़ी अम्मा राजा के हाथों मरी हुई सुहागन की मां है और इनको गुजरे 55 साल हो गए हैं यह सुन विष्णु के पैरों तले जमीन खिसक गई फिर विष्णु के सामने खड़े युवक ने कहा शायद तुम्हें ना पता हो लेकिन राजा की मृत्यु के बाद उनके कक्ष में एक चिट्ठी लिखी हुई मिली जिसमें लिखा था की तुम्हारा बेटा जब भी आएगा तब मैं उसे मौत के घाट उतार दूंगी और इसीलिए वह तुम्हें अपने जाल में फंसा कर इस हवेली तक ले आई और अगर मैं तुम्हें नीचे ना बुलाता तो वह तुम्हें सीढ़ियों पर ही फांसी पर लटका देती। यह सुन विष्णु बहुत डर गया लेकिन उसे यह एहसास हुआ कि उसके पिता ने बहुत ही बुरे कर्म किए हैं जिसका नतीजा आज मेरी मौत होती। यह कहने के बाद उसने कहा कि मैं सुहागन की आत्मा को मुक्ति दिलाऊंगा। सामने खड़े युवक ने कहा की इसको मुक्ति तुम्हारी मौत के बाद ही मिलेगी। विष्णु ने कहा मैं अपनी मौत के बाद भी जीवित रहूँगा। यह कहकर उसने पंडित को बुलाया और फिर ( आगे की कहानी जानने के लिए हमारे पोर्टल से जुड़े रहें। धन्यवाद। )
( यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है इसका असल जिंदगी में कोई मतलब नहीं है )