
एलायंस टुडे ब्यूरो
लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी को समाजवादी पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन का अपेक्षित लाभ नहीं मिला है। इसका फीडबैक बसपा अध्यक्ष मायावती को उत्तर प्रदेश में बसपा जिलाअध्यक्ष, मंडल कोऑर्डिनेटर, नवनिर्वाचित सांसद, पराजित प्रत्याशियों तथा अन्य पार्टी पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में मिला है। मायावती को मिले फीडबैक से अब उत्तर प्रदेश में सपा व बसपा के साथ गठबंधन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। माना जा रहा है कि अब बसपा विधानसभा उपचुनाव अकेले लड़ेगी। सूत्रों की मानें तो पार्टी पदाधिकारियों से मिले फीडबैक के बाद मायावती ने बैठक में कहा कि गठबंधन का वोट चुनावों में ट्रांसफर नहीं हुआ। दिल्ली में सांसदों, कोआर्डिनेटरों, जिला अध्यक्षों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान मायावती ने कहा कि सपा के साथ गठबंधन से कोई खास फायदा नहीं हुआ। यादव वोट अपेक्षा के अनुरूप हमको ट्रांसफर नहीं हुए। शिवपाल यादव ने यादव वोटों को बीजेपी में ट्रांसफर करा दिया। सपा इसे रोक नहीं पाई। अखिलेश यादव इस चुनाव में यादव वोटों का बंटवारा रोक नहीं पाए। बसपा का साफ मानना है कि गठबंधन से कोई फायदा नहीं हुआ, लोकसभा चुनाव में यादव वोट हमको ट्रांसफर नहीं हुए। लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन के बावजूद अपेक्षाकृत नतीजे न आने से नाखुश बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी की मीटिंग में कहा है कि यूपी के 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में उनकी पार्टी अकेले लड़ेगी। दिल्ली के सेंट्रल ऑफिस में आज समीक्षा बैठक में बसपा मुखिया मायावती गठबंधन के बाद भी मिले नतीजे से नाखुश हैं।