BJP की ताकत को बढ़ा रही राहुल की पेशकश – लालू

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एलायंस टुडे ब्यूरो
रांची/पटना। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया आई है। आरजेडी सुप्रीमो ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा है कि राहुल का यह कदम उनकी पार्टी के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है। चारा घोटाले के कई मामलों में सजायाफ्ता लालू यादव फिलहाल रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं। लालू ने कहा, ‘राहुल गांधी का कांग्रेस अध्क्ष पद छोड़ने का प्रस्ताव न केवल उनकी पार्टी के लिए आत्मघाती होगा बल्कि यह उन सभी सामाजिक और राजनैतिक ताकतों के लिए भी झटका होगा जो संघ परिवार (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं। लालू ने राहुल के इस्तीफे की पेशकश पर अखबार से बातचीत में कहा, ‘यह बीजेपी के बिछाए जाल में फंसने जैसा होगा। गांधी-नेहरू परिवार से अलग कोई शख्स जैसे ही राहुल की जगह आएगा, नरेंद्र मोदी और अमित शाह ब्रिगेड नए नेता को कठपुतली के रूप में प्रचारित करते हुए राहुल-सोनिया के रिमोट से चलने वाला बताएगी। यह खेल अगले आम चुनाव तक चलता रहेगा। राहुल को अपने राजनैतिक आलोचकों को ऐसा मौका क्यों देना चाहिए ? उन्होंने आगे कहा, ‘यह एक तथ्य है कि मोदी की अगुआई वाली बीजेपी से विपक्ष चुनाव हार गया। सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों के खिलाफ लड़ाई में शामिल सभी पार्टियों को इसे सामूहिक नाकामी के रूप में स्वीकार करना चाहिए और इस बात पर आत्मचिंतन करना चाहिए कि क्या गलत हुआ। हार की वजह जानने के लिए ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है। बता दें कि बिहार में भी लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस-आरजेडी समेत विपक्षी दलों के महागठबंधन को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। राज्य की 40 में से 39 लोकसभा सीटों पर एनडीए ने कब्जा जमा लिया। वहीं, कांग्रेस के खाते में सिर्फ 1 सीट आई। आरजेडी का तो चुनाव में सूपड़ा ही साफ हो गया। 2014 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी ने 4 और कांग्रेस ने 2 सीटें जीती थीं। लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस गहरे आंतरिक संकट से गुजर रही है। पार्टी की करारी शिकस्त के बाद से अब तक कुल 13 इस्तीफे हो चुके हैं। इनमें पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़, झारखंड के अजय कुमार और असम के प्रदेश अध्यक्ष निपुन बोरा का भी इस्तीफा शामिल हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी अब भी इस्तीफे पर अड़े हुए हैं और उन्होंने कई नेताओं से कहा है कि यह वह वक्त है, जब पार्टी को नए चीफ की तलाश करनी चाहिए। शनिवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मीटिंग में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि कांग्रेस की शीर्ष निर्णायक संस्था के सदस्यों ने एकमत से उनके प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। यही नहीं कहा जा रहा है कि इस मीटिंग के दौरान राहुल गांधी ने पी चिदंबरम, अशोक गहलोत और कमलनाथ जैसे सीनियर नेताओं पर पार्टी से ज्यादा बेटों को तवज्जो देने का भी आरोप लगाया था। कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मीटिंग में सीनियर नेताओं के अलावा सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं। प्रियंका ने भी राहुल को रोकने की कोशिश की। प्रियंका ने कहा कि अगर राहुल इस्तीफा देते हैं तो वह बीजेपी के जाल में फंस जाएंगे। हालांकि, कांग्रेस कार्यसमिति ने राहुल के इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया और उन्हें बतौर अध्यक्ष पार्टी के लिए कोई भी फैसला लेने की छूट देने की बात कही।
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