
एलायंस टुडे ब्यूरो
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पर आज के अपने फैसले से विपक्षी दलों समेत हर किसी को हैरान कर दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक साथ चार फैसले से जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला सुना दिया।
फैसला नंबर 1-जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान के अनुच्छेद 370 (1) के अलावा सभी खंडों को हटाने और राज्य का विभाजन करने का प्रस्ताव, फैसला नंबर 2- जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव, फैसला नंबर 3-जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र की अपनी विधायिका के बारे में प्रस्ताव, फैसला नंबर 4-लद्दाख बिना विधायिका वाला केंद्र शासित क्षेत्र होने के बारे में प्रस्ताव रखा।
शाह ने कहा कि 1950 और 1960 के दशकों में तत्कालीन कांग्रेस सरकारों ने इसी तरीके से अनुच्छेद 370 में संशोधन किया था। ‘हमने भी यही तरीका अपनाया है।’ गृह मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद स्वयं भी जम्मू-कश्मीर से आते हैं, उन्हें चर्चा में भाग लेकर राज्य के लोगों की समस्याओं को उजागर करना चाहिए। गृह मंत्री ने लद्दाख के लिये केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की जहां चंडीगढ़ की तरह विधानसभा नहीं होगी। शाह ने राज्यसभा में घोषणा की कि कश्मीर और जम्मू डिवीजन विधानसभा के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी। विपक्षी सदस्यों के विरोध और हंगामे के बीच गृह मंत्री ने कहा, ‘राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे। ’