एलायंस टुडे ब्यूरो
नई दिल्ली। सिडनी में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे टेस्ट मैच के पहले दिन दो भारतीय खिलाड़ियों ने इतिहास रच दिया। इस मुकाबले में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। इस मैच में ओपनिंग करने के लिए मयंक अग्रवाल के साथ लोकेश राहुल उतरे। इन दोनों के बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरते ही 1932 से चले आ रहे भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कुछ ऐसा हो गया, जो पहले कभी नहीं हुआ था। मयंक अग्रवाल और लोकेश राहुल सिडनी टेस्ट मैच में ओपनिंग के लिए उतरे तो 87 साल के भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया। मयंक अग्रवाल और लोकेश राहुल ये दोनों ही खिलाड़ी कर्नाटक से घरेलू क्रिकेट खेलते हैं। सिडनी में जैसे ही ये दोनों पारी की शुरुआत करने उतरे तो ये भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में पहला मौका बन गया, जब कर्नाटक से खेलने वाले दो ओपनरों ने टीम इंडिया के लिए पारी का आगाज किया। सिडनी टेस्ट मैच में भारत के ओपनिंग बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने टेस्ट करियर का अपना दूसरा अर्धशतक जड़ा। मंयक ने इससे पहले मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में भी 76 रन की शानदार पारी खेली थी। मंयक ने इस अर्धशतक को जमाने के लिए 96 गेंदों का सामना किया। इस दौरान उनके बल्ले से छह चैके भी निकले। भले ही राहुल ने मयंक के साथ ओपनिंग पर उतरकर एक रिकॉर्ड बना दिया हो, लेकिन वो अपने बल्ले से इस मुकाबले को खास नहीं बना सके। सिडनी टेस्ट की पहली पारी में लोकेश राहुल मैच के दूसरे ही ओवर में हेजलवुड़ को अपना विकेट दे बैठे। 6 गेंदों में नौ रन बनाकर खेल रहे राहुल शॉन मार्श को स्लिप में कैच दे बैठे। जिस तरह राहुल आउट हुए उसे देखकर ऐसा लगा कि जैसे वो मार्श को कैच प्रैक्टिस करवा रहे हों। राहुल ने इस टेस्ट सीरीज के पहले दो मैच भी खेले थे और दोनों ही मैचों में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से निराश किया था। मेलबर्न में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में उन्हें नहीं टीम से बाहर रखा गया था। मौजूदा सीरीज के पहले दो टेस्ट मैच में उन्होंने 2, 44, 2, और शून्य रन बनाए थे। सिडनी टेस्ट की पहली पारी में भी राहुल सिर्फ नौ रन बनाकर आउट हो गए।