एलायंस टुडे ब्यूरो
लखनऊ। चकबंदी लेखपाल के पदों पर पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में गड़बड़ी करने के आरोप में राज्य सरकार ने चकबंदी आयुक्त आईएएस अधिकारी शारदा सिंह को निलंबित कर दिया है। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति मुकुल सिंघल ने निलंबन का आदेश जारी करते हुए उन्हें राजस्व परिषद से संबंद्ध कर दिया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि वह बिना लिखित अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेंगी।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने चकबंदी लेखपाल के 1,364 पदों की भर्ती के लिए हाल ही में विज्ञापन निकाला था। यह भर्तियां चकबंदी विभाग की ओर से की जा रही थीं। विज्ञापन में 1,002 पद अनारक्षित और 362 पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित बताए गए थे। पूरे विज्ञापन में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को अनदेखा कर दिया गया था। इसका पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों ने नाराजगी जताई थी। इसके बाद यह भर्ती प्रक्रिया रद कर दी गई थी।
शासन ने मामले जांच करवाई तो पाया कि इस विज्ञापन को प्रकाशित करवाने में अनियमितता बरती गई और इसमें आईएएस अधिकारी और चकबंदी आयुक्त शारदा सिंह को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया। शासन ने नियुक्ति विभाग को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए थे। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति मुकुल सिंघल ने उन पर अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के तहत कार्रवाई करते हुए निलंबन आदेश जारी कर दिया। उनके खिलाफ आरोपपत्र बाद में अलग से जारी किया जाएगा। निलंबन अवधि में शारदा सिंह को आधा वेतन पर देय अवकाश वेतन या आधे वेतन के समान जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। इसके अलावा ऐसे अवकाश वेतन पर अनुमन्य महंगाई भत्ता भी दिया जाएगा। जीवन निर्वाह भत्ता भी उन्हें तब दिया जाएगा, जब वह सरकार को इस आशय का प्रमाण पत्र दे देंगी कि वे किसी रोजगार, व्यापार या व्यवसाय में काम नहीं करती हैं।