एलांयस टुडे ब्यूरो
चैत्र महीने में शनिवार, 17 मार्च को शनिश्चरी अमावस्या है। 14 साल के बाद चैत्र मास में शनिवार को यह शुभ योग बन रहा है। इससे पहले ऐसा शुभ योग मार्च 2004 में बना था। ज्योतिष के अनुसार चैत्र महीने में पड़ने वाली शनिश्चरी अमावस्या बहुत शुभ मानी जाती है। इस योग में स्नान,दान और पूजा-पाठ करना बहुत फलदायी माना जाता है। इसके बाद ऐसा योग अब सात साल के बाद यानि मार्च 2025 को बनेगा। जिस किसी के ऊपर शनि की साढ़ेसाती या फिर ढैय्या चल रही होती है इस शुभ योग में कुछ उपाय करने से उसका प्रभाव कम हो जाता है। इस शुभ योग में शनि के प्रकोप को कम करने के लिए शनि मंदिर में तिल के तेल का दीपक जलाएं।इस दिन काली गाय को रोटी खिलाएं साथ ही काली उड़द और लोहे का दान करना शुभ होगा।शनिवार की सुबह जल्दी उठकर सूर्य को जल चढ़ाएं और पीपल के पेड़ पर तेल की दीपक जलकर पूजा करें।इसके अलावा शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल और बेल पत्र चढ़ाते हुए ऊं नमः शिवाय का जप करें।इस दिन इस शुभ योग का फल प्राप्त करने के लिए हनुमान जी की मूर्ति के सामने तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा पाठ करें।