14 नगर निगमों में खुलेगी गोशालाए

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां प्रदेश के नगर निगमों व बुन्देलखण्ड के जनपदों में गोवंश के रख-रखाव के लिए कार्य योजना बनाए जाने के सम्बन्ध में बैठक की। बैठक में उन्होंने गोवंश के रख-रखाव एवं छुट्टा पशुओं की समस्या के समाधान के सम्बन्ध में अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड के 07 जनपदों एवं 16 नगर निगम क्षेत्रों में गोशालाओं की स्थापना की जाए और इनके रख-रखाव के लिए गो संरक्षण समितियां बनायी जाएं। इन समितियों में जनता की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए। उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के संरक्षण में यह कार्य सुनिश्चित किया जाए। इस कार्य में सरकार अपना हर सम्भव सहयोग देगी। उन्होंने गोशालाओं के सुचारु संचालन के लिए जिलाधिकारी के नेतृत्व में समिति गठित करने के भीनिर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गोशालाओं की स्थापना के लिए जो स्थान चुना जाए, वह सुरक्षित होना चाहिए और इनमें रखे गए गोवंश के लिए चारे-पानी इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन गोशालाओं के सुचारु संचालन की जिम्मेदारी गो समितियों की होगी। उन्हें अपने संसाधनों से इनका संचालन सुनिश्चित करना होगा। इस कार्य से जनता को भी जोड़ा जाना चाहिए।
योगी ने कहा कि इन केन्द्रों पर गोवंश की सुरक्षा के लिए शेड निर्माण करने के साथ-साथ बाउण्ड्री निर्माण भी सुनिश्चित करना होगा। इस कार्य में गो सेवा आयोग पूरी मदद करेगा। इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में भी गोवंश की सुरक्षा के लिए ऐसे केन्द्रों/गोशालाओं की स्थापना करनी होगी, जहां पर छुट्टा पशुओं को सुरक्षित रखा जा सके और उनके चारे-पानी इत्यादि की व्यवस्था हो सके। उनके बीच रोग न फैलें, यह भी सुनिश्चित करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्य में जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग सुनिश्चित किया जाए और केन्द्र सरकार की विभिन्न नीतियों एवं कार्यक्रमों के तहत मिलने वाले सहयोग को हासिल करना भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जब दूध के लिए हम गोवंश पर आश्रित हैं तो हमें उनकी रक्षा भी करनी होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए गोशालाएं बनवाकर ग्राम समितियों को उपलब्ध करानी होंगी ताकि वे स्वतंत्र रूप से इन्हें जन सहयोग से चला सकें। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में माॅडल के रूप में बुन्देलखण्ड के 07 जनपदों तथा 16 नगर निगमों में 01 हजार पशु क्षमता वाली गोशालाओं की स्थापना कर उनमें गोवंश/छुट्टा पशुओं का रखा जाना सुनिश्चित किया जाएगा। इसके पश्चात् अन्य जनपदों में इनकी स्थापना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि गोवंश मानव जाति के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। अतः हमें इसकी हर हाल में रक्षा करना होगी।
बुन्देलखण्ड की ‘अन्ना प्रथा’ का जिक्र करते हुए योगी जी ने कहा कि इसका मूल कारण इस क्षेत्र की गायों द्वारा कम मात्रा में दूध देना है। इस समस्या का समाधान गोवंश के नस्ल सुधार से किया जा सकता है। औषधि के निर्माण में इस्तेमाल के लिए गोमूत्र की काफी मांग है। उन्होंने कहा कि राज्य में गोनाइल के निर्माण के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की सम्भावनाओं को तलाशा जाए।
बैठक के दौरान अध्यक्ष उत्तर प्रदेश गो-सेवा आयोग, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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