लाहौर- आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा सरगना हाफिज सईद का एक अन्य प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा पाकिस्तान में 2018 में होने वाले आम चुनाव में भाग लेगा। यह जानकारी संगठन के वरिष्ठ सदस्य शेख याकूब ने लाहौर उप चुनाव के एक दिन बाद दी है। शेख याकूब ने लाहौर में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज के खिलाफ चुनाव लड़ा था। यह सीट सुप्रीम कोर्ट द्वारा नवाज शरीफ को संसद की सदस्यता के अयोग्य ठहराए जाने से खाली हुई थी।
जमात-उद-दावा ने बीते अगस्त में मिल्ली मुस्लिम लीग नाम की पार्टी की घोषणा की थी। वह इसी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर शेख याकूब को चुनाव लड़वाना चाह रहा था लेकिन चुनाव आयोग में पार्टी का पंजीकरण न होने से ऐसा नहीं हो सका। अंतत: याकूब ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और पांच हजार वोट पाए। उसने कहा है कि दावा समर्थित उम्मीदवार के तौर पर उसे लोगों का काफी साथ मिला।
संगठन के चुनाव में उतरने का जनता ने स्वागत किया। लोग चाहते हैं कि संगठन के लोग भविष्य में भी चुनाव लड़ें और जीतकर देश को मजबूत बनाएं। इससे हमारी भारत, अमेरिका और इजरायल जैसे दुश्मन देशों के खिलाफ लड़ाई मजबूत होगी और जनता की समस्याएं भी दूर होंगी। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार शेख याकूब को अमेरिकी प्रशासन ने 2012 में आतंकी संगठन का नेता घोषित करके उसके साथ किसी भी तरह के लेन-देन पर रोक लगा दी थी। अमेरिका ने जमात-उद-दावा को 2014 में विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था।
हाफिज सईद और उसके चार सहयोगी-अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी काशिफ हुसैन को पाकिस्तान ने 30 जनवरी से नजरबंद कर रखा है। उन पर यह प्रतिबंध आतंकवाद निरोधी कानून के तहत लगाया गया है।