हजारों रिटर्न और बेनामी संपत्तियां जांच के घेरे में, 20000 संदिग्ध ITR की जांच शुरू

आयकर विभाग 20 हजार से अधिक संदिग्ध आईटी रिटर्न की जांच कराएगा, वहीं बेनामी संपत्तियों पर भी सख्त कार्रवाई होगी।
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि नोटबंदी से पहले और बाद में इन लोगों के रिटर्न में भारी अंतर देखने को मिला है, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।  सूत्रों ने बताया कि विभाग ने 20,572 आईटी रिटर्न को विस्तृत जांच के लिए चुना है। इनके अलावा विभाग ने कर चोरी की सबसे अधिक आशंका वाले  एक लाख रिटर्न की भी पहचान की है, जिनकी जांच की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि आयकर विभाग लोगों से रिकॉर्ड जमा करता है। इसके बाद अधिकारी इन दस्तावेजों की समीक्षा कर यह सुनिश्चित करते हैं कि जानकारी गलत तो नहीं है या फिर कर चोरी तो नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक विभाग ने इस साल 31 जनवरी को ‘ऑपरेशन क्लीन मनी ’चलाया था। इसका मकसद पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट चलन से बाहर किए जाने के बाद बैंकों में जमा कराए गए कालेधन का पता लगाना था। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक विभाग ने नोटबंदी के बाद 23.22 लाख खातों में से 17.73 लाख संदिग्ध मामलों की पहचान की है। इनमें 3.68 लाख करोड़ रुपये की राशि जमा कराई गई। इन मामलों में संबंधित लोगों को नोटिस भेजा गया। इनमें से 11.8 लाख ने ऑनलाइन माध्यमों से जवाब दाखिल कर दिया है। केंद्र सरकार ने बेनामी संपत्तियों के लेकर सख्त रुख अपना लिया है। सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्र ने सोमवार को कहा कि आयकर विभाग बेनामी संपत्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रखेगा।
सीबीडीटी के चेयरमैन ने कहा, मैं आपको यह आश्वासन दे सकता हूं कि यह जांच कभी बंद नहीं होगी। हम इस तरह की संपत्तियों के बारे में हर उपलब्ध स्रोतों से सूचना एसवं आंकड़े जमा कर रहे हैं। इस तरह की और भी संपत्तियों की पहचान की जाएगी और उन्हें जब्त किया जाएगा।
आयकर विभाग ने बेनामी संपत्तियों के खिलाफ जारी कार्रवाई के तहत अब तक 1833 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। अक्तूबर तक उपलब्ध आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1833 करोड़ रुपये की 541 संपत्तियां जब्त की गईं। इसके लिए 517 से अधिक नोटिस जारी किए गए थे। बेनामी संपत्ति के सर्वाधिक 136 मामले अहमदाबाद में सामने आए। इसके बाद भोपाल में 93 मामले, कर्नाटक और गोवा में 76-76 मामले, चेन्नई में 72 मामले, जयपुर में 62 मामले, मुंबई में 61 मामले और दिल्ली में 55 मामले सामने आए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश में चार नवंबर को एक चुनावी रैली में भी बेनामी संपत्तियों पर लगातार कार्रवाई के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि नेताओं की बेनामी संपत्ति को भी छोड़ा नहीं जाएगा। आयकर विभाग ने 9 नवंबर 2016 से लेकर मार्च 2017 तक 900 सर्वेक्षण किए। इस दौरान 900 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की गई, जिनमें 636 करोड़ रुपये की नकदी शामिल है। इसके साथ ही 7,961 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला। 2.24 लाख शेल कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया जा चुका है। 3.09 लाख शेल कंपनियों के डायरेक्टर्स को अयोग्य करार दिया जा चुका है। शेल कंपनी कालाधन को सफेद करने के लिए बनाई जाती है। ऐसी कंपनी जो सामान्य कंपनी की तरह मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स में रजिस्टर्ड होती है। कंपनी में निदेशक होते हैं, लेकिन ज्यादातर का कोई दफ्तर या कारोबार नहीं होता। कोई कर्मचारी नहीं होता। कागज पर कंपनी लाखों-करोड़ों का कारोबार दिखाती है। 1238 करोड़ रुपये नकद नोटबंदी के बाद शेल कंपनियों में नवंबर, दिसंबर 2016 में जमा हुए। 15 लाख कंपनियां देश भर में रजिस्टर्ड हैं 09 लाख कंपनियां आयकर रिटर्न नहीं दाखिल करतीं।

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