सब पढ़ेंगे सब बढेंगे बिहार में भी गांव-गांव में योजना चलाई गई। इसका फायदा भी दिख रहा है। पिछले 60 वर्षों में साक्षरता दर में 58.33 फीसदी की वृद्धि हुई है। हालांकि यह अब भी काफी कम है। जन शिक्षा निदेशालय ने 2017 में 90 फीसदी तक साक्षरता दर बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। साक्षरता दर में बढ़ोत्तरी 1951 से वर्ष 2011 के बीच की है। वर्तमान में बिहार की साक्षरता दर 71.82 फीसदी ही है। जबकि वर्ष 1951 में 13.49 फीसदी थी। जन शिक्षा निदेशालय की मानें तो 2010-15 के बीच में बिहार की साक्षरता 83 फीसदी अनुमानित है। वहीं 2015-16 में 85 फीसदी और 2016-17 में 82 फीसदी तक साक्षरता दर अनुमानित दर्ज की गयी है।
हर पंचायत में चलता है लोक शिक्षा केंद्र-
साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए हर पंचायत में अभी लोक शिक्षा केंद्र चलता है। इस केंद्र से सभी को साक्ष्रर किया जा रहा है। पटना जिले की बात करें तो सभी पंचायत में यह केंद्र चलता है। अब केंद्रों को कंप्यूटरयुक्त किया जा रहा है, कि डिजिटल साक्षर बनाया जा सके। निरक्षर मुक्त पंचायत करने की होगी शुरुआत : सारक्षरता मिशन के तहत निरक्षर को साक्षर करने का काम पंचायत स्तर पर शुरू होगा। जो पंचायत निरक्षर मुक्त होगा उसे सम्मानित किया जाएगा।
निरक्षर मुक्त पंचायत करने की होगी शुरुआत-
सारक्षरता मिशन के तहत निरक्षर को साक्षर करने का काम पंचायत स्तर पर शुरू होगा। जो पंचायत निरक्षर मुक्त होगा उसे सम्मानित किया जाएगा।
साक्षरता को लेकर जागरूकता अभियान चलाते हैं। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता तक पहुंचते हैं और उन्हें साक्षर करते हैं। अब डिजिटल साक्षर करने की योजना चलायी जा रही है।