श्रीनगर हमलाःबदला लेने के लिए खौफनाक इरादे से घुसे थे आतंकी

श्रीनगर में सीमा सुरक्षा बल-बीएसएफ के शिविर में हुए आतंकी हमले के दौरान सुरक्षा बल के जवानों की चुस्ती से बड़े नुकसान को टाला गया। सुरक्षा एजेंसियों ने आंतरिक आकलन में आशंका जताई है कि आतंकी खौफनाक इरादे से घुसे थे। वे सुरक्षा बल को बड़ा नुकसान पहुंचा कर आतंकियों की मौत का बदला लेना चाहते थे। अगर वे शिविर की दूसरी बाउंड्री पार कर लेते तो वे एयरपोर्ट के नजदीक भी पहुंच सकते थे।  एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के इनकार के बावजूद इस संभावना से इनकार नहीं किया कि एनआईए के अफसर भी आतंकियों के निशाने पर हो सकते हैं। अमूमन कश्मीर में जांच पड़ताल व छापेमारी के मकसद से जाने वाले एनआईए के अधिकारी इस शिविर में ठहरते रहे हैं।

बीएसएफ के पूर्व एडीजी ने पी.के. मिश्रा ने कहा कि घाटी में जिस तरह से ऑपरेशन ऑल आउट में आतंकियों को ढेर किया जा रहा है उससे लश्कर, जैश सहित आतंकी संगठनों में बौखलाहट है। उनके शीर्ष कमांडरों को सुरक्षा बल ढेर कर चुके हैं। घाटी में डेढ़ सौ से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। लेकिन घाटी में बचे हुए सौ से डेढ़ सौ के बीच आतंकी अभी भी पाकिस्तान के इशारे पर सक्रिय हैं। इनमें लश्कर,जैश व हिज्बुल के आतंकी शामिल हैं।

पूर्व एडीजी ने कहा, आतंकियों पर भारतीय सेना व सुरक्षा बलों के कहर और भारत सरकार का पाक नेतृत्व पर आतंकवाद के मामले में आक्रामक रुख देखकर पाकिस्तान भी बौखलाया हुआ है। पूर्व एडीजी ने कहा कि यह बात पुख्ता है कि पाकिस्तान सेना सीमा पार से घुसपैठ कराने की लगातार कोशिश कर रही है। वे हमारे सुरक्षा ठिकानों पर हमले के लिए आतंकियों का इस्तेमाल करना चाहते हैं।
मुस्तैदी से आतंकियों के मंसूबों को विफल करने के बावजूद हाई सिक्योरिटी जोन में तीन आतंकियों के पहुंचने को लेकर चूक की बात विशेषज्ञों ने मानी है। पूर्व एडीजी ने कहा कि आतंकियों का घुसना यह साबित करता है कि सुरक्षा संबंधी रणनीति, तकनीकी या तालमेल में कहीं न कहीं चूक जरूर थी। उन्होंने कहा कि बौखलाहट में आतंकी फिर से शिविरों को निशाना बनाने का प्रयास कर सकते हैं। इसलिए हमें अपनी रणनीति में समन्वय बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा शिविर पर आतंकियों के दस्तक देते ही सायरन बज उठा। सुरक्षा बलों ने तीनों आतंकियों को पूर्व के ऑपरेशनों की तुलना में कम समय में ढेर कर दिया। आतंकी अपना कोई भी लक्ष्य नहीं साध सके। लेकिन हमें यह देखना होगा कि आतंकी यहां तक कैसे पहुंचे।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *