शिक्षामित्रों का तीन दिन तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन

लखनऊ । प्रदेश सरकार द्वारा अपनी मांगें न माने जाने से नाराज शिक्षामित्रों ने अब केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति बनायी है। इस रणनीति के तहत शिक्षामित्र सोमवार से नई दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करेंगे। शिक्षामित्र फिर से शिक्षक का दर्जा दिये जाने के लिए राज्य सरकार से अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही, शिक्षक का दर्जा दिये जाने तक समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत के आधार पर अध्यापकों के बराबर तनख्वाह की मांग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन रद किए जाने के फैसले के बाद से ही जिले के तीन हजार से अधिक शिक्षामित्र शिक्षण कार्य छोड़कर पुन: बहाली के लिए आंदोलित हैं। उनकी यूपी सरकार से उम्मीदें क्षीण हो चुकी हैं।

 

आदर्श समायोजित शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन उप्र के अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर शिक्षामित्रों से वादाखिलाफी का आरोप लगाया। कहा कि शिक्षामित्रों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि उप्र सरकार शिक्षामित्रों से किये गए वादे से मुकर गई है। ऐसे में केंद्र सरकार की अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर बहाल कर सकती है। उन्होंने कहा कि सोमवार से जंंतर मंतर पर होने वाले धरना प्रदर्शन में प्रधानमंत्री से मांग की जाएगी कि शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर बहाल किये जाने के लिए केंद्र सरकार अध्यादेश लाए। शिक्षामित्र संयुक्त संघर्र्ष समिति के गाजी इमाम आला और दीनानाथ दीक्षित ने बताया कि जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन के लिए उप्र के कोने-कोने से शिक्षामित्र जुट चुके हैं। गौरतलब है कि बीते दिनों जंतर मंतर पर शिक्षामित्रों के एक अन्य धड़े ने भी धरना प्रदर्शन किया था।

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