विश्व कप युवा फुटबॉलरों को अपनी काबिलियत अंर्तराष्ट्रीय मंच पर दिखाने का बड़ा मौका देता है। इससे दुनिया को कई स्टार खिलाड़ी मिले हैं। इनमें दुनिया के सबसे महंगे फुटबॉलर नेमार से लेकर जेवियर हर्नाडेंज (जावी), आंद्रेस इनिएस्टा और महान फुटबॉलर रोनाल्डिन्हो शामिल हैं। भारत में 6 अक्टूबर से होने वाले टूर्नामेंट से भी फुटबॉल की कई और सितारे मिल सकते हैं। जापान में 2009 में हुए विश्व कप में खेलने वाले ब्राजील के खिलाड़ी नेमार डा सिल्वा संतोस ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनावाया था। उन्होंने इस दौरान तीन मैच खेल और एक गोल दागा। हालांकि उनकी टीम का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा और ब्राजील ग्रुप चरण से ही बाहर हो गई थी। इसके बाद सीनियर स्तर पर उन्होंने अपना जलवा बिखेरा और आज वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ और सबसे महंगे खिलाड़ी में से एक हैं। नेमार इस समय ब्राजील की राष्ट्रीय टीम के कप्तान हैं। ब्राजील की टीम 1997 (मिस्र) में जब अंडर-17 विश्व कप चैंपियन बनी तब रोनाल्डिन्हो टीम के सदस्य थे। उन्होंने इस विश्व कप में छह मैच खेले और दो गोल दागे। इसके बाद वह 2002 में फीफा विश्व कप जीतने वाली ब्राजील की सीनियर टीम के सदस्य भी बने। वह दोनों विश्व जीतने वाले दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं। 2005 में उन्होंने सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर का खिताब बेलोन डिओर जीता। 1997 विश्व कप में गोलकीपर इकेर कैसिलास और मिडफील्डर जावी ने स्पेन को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। कैसिलास ने अंडर-17 विश्व कप में 10 मुकाबले खेले। जावी ने भी 10 मैच खेले और दो गोल किए। इसके बाद दोनों सीनियर टीम में शामिल हुए और महान खिलाड़ी बने। जावी से चार साल जूनियर इनिएस्टा और फर्नाडो टोरेस ने 2001 में त्रिनिदाद एंड टोबागो में हुए विश्व कप में टीम की ओर से खेले। 44 वर्षीय पूर्व फुटबॉलर लुइ फिगो भी अंडर-17 विश्व कप में खेल चुके हैं। उन्होंने 1989 में स्कॉटलैंड में हुए इस विश्व कप में छह मैचों में दो गोल किए। इस टूर्नामेंट में उनके खेल को काफी प्रशंसा मिली। फीफा ने 2000 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर का खिताब बेलोन डिओर से सम्मानित किया।