एलायंस टुडे ब्यूरो
लखनऊ। रोजा इफ्तार के मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और राज्यपाल राम नाईक की अलग-अलग राय है। यूपी में राजभवन में जहां हर साल की तरह इस बार भी रोजा इफ्तार पार्टी होगी, वहीं राष्ट्रपति भवन में इस साल इफ्तार पार्टी नहीं होगी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इफ्तार पार्टी की मेजबानी करने से इनकार कर दिया है। राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अशोक मलिक के अनुसार राष्ट्रपति कोविंद ने कार्यभार संभालते ही स्पष्ट कर दिया था कि राष्ट्रपति भवन में करदाताओं के पैसे से कोई भी धार्मिक कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा। यह राष्ट्र की धर्मनिरपेक्ष छवि को मजबूत करेगा। यह व्यवस्था सिद्धांत रूप में सभी धर्मों के कार्यक्रमों पर लागू होगी। इसमें किसी भी धर्म के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा।
प्रेस सचिव ने कहा, वैसे राष्ट्रपति सभी धर्मों के लोगों को उनके धार्मिक त्योहारों पर शुभकामनाएं देते हैं। इसलिए कई दशक के बाद राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी नहीं होगी। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के राष्ट्रपति कार्यकाल (2002 से 2007 तक) को छोड़कर राष्ट्रपति भवन में हमेशा इफ्तार पार्टी के आयोजन की परंपरा रही है। रमजान के महीने में मुस्लिमों के रोजा (व्रत) तोड़ने की प्रक्रिया को इफ्तार पार्टी कहा जाता है। इसमें रोजेदार मुस्लिम और उनके शुभचिंतक फल, शरबत इत्यादि खाते-पीते हैं।