एलायंस टुडे ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के सख्त रुख के बाद भी प्रदेश में अवैध कब्जे नहीं हट पा रहे हैं। पुलिस से मिलीभगत कर अवैध कब्जाधारी मौज में हैं। हाल यह है कि अवैध कब्जाधारियों ने वृंदावन में बने आश्रम पर भी कब्जा कर लिया है। शिकायत के बाद भी पुलिस जांच करने के बजाय हीलाहवाली कर रही है। पीड़ित ने इस मामले में मुख्यमंत्री से शिकायत की है।
फिरोजबाद निवासी बाबा राम लखनदास की ओर से भेजे गये पत्र में कहा गया है कि उनके पिता राम शरण दास ने वर्ष 1971 में मथुरा के वृंदावन मौजा बांगर में जमीन खरीदकर सुखधाम आश्रम का निर्माण किया। उन्होंने 20 कमरे, एक समर और काफी तादाद में पेड़ लगाये। आश्रम के संचालन के लिए उन्होंने श्री रामानंद आचार्य वैष्णों सेवा ट्रस्ट सुखधाम आश्रम रमनरेता परिक्रमा मार्ग वृंदावन रखा। सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत इसका पंजीकरण कराया गया। राम शरण दास संस्था के अध्यक्ष बनाये गये। उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र राम लखनदास को अध्यक्ष पद पर चुना गया। पर पूर्व की सपा सरकार के इशारे पर दबंगों ने आश्रम पर कब्जा कर लिया और रजिस्ट्री कार्यालय से मिलीभगत कर खुद पदाधिकारी बन बैठे। बलरामदास ने खुद को अध्यक्ष घोषित कर दिया। हाल यह है कि दबंग लगातार अपने नामों से संस्था का नवीनीकरण करा रहे हैं। राम लखनदास ने बताया कि अदालत ने इस मामले में स्थानीय पुलिस को जांच करने के आदेश दिये। आठ महीने बीत चुके हैं, पर अभी तक जांच पूरी नहीं हो सकी है। पुलिस मामले में हीलाहवाली का रवैया अपनाये हुए है। उन्होंने मुख्यमंत्री से रजिस्ट्री कार्यालय से फर्जी लोगों का नवीनीकरण रद्द कराने व पुलिस जांच शीघ्र कराकर दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कराने की मांग की है।