मोक्षदा एकादशी: आज व्रत करने से नष्ट होते हैं पाप पढ़ें पूजन विधि…

 

ऐसा कहा जाता है कि मोक्षदा एकादशी के दिन कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था। यही वजह है इस दिन गीता जयंति के नाम से भी मनाया जाता है। इस दिन व्रत करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं और साथ ही व्रती को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आगे की स्लाइड में पढ़ें कैसे इस व्रत को करना चाहिए एकादशी व्रत 30 नवंबर को शुरू होगा और अगले दिन 1 दिसम्बर को सुबह 9.39 से पहले इसका पारण करना चाहिए। हालांकि सभी जगह के व्रत के नियमों में कुछ बदलाव हो सकता है। लेकिन ब्राह्मणों के अनुसार एकादशी का व्रत रखने वाले लोगों को दशमी के दिन से ही नियमों को मानना जरूरी है। मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान कृष्ण या भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए। इस स्नान करके पीले रंग के वस्त्र धारण करें। भगवान को पीले चावल अर्पित करें। इस दिन पूजा करने के बाद ब्राह्राण को भोदन कराना चाहिेए और श्रीमद्भाग्वत गीता उपहार स्वरुप देनी चाहिए। इस दिन तत्पश्चात ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश मंत्र का जाप करें। राम, कृष्ण, नारायण आदि विष्णु के सहस्रनाम को भी जपें।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *