मुलायम इसी साल पद से हटाए गए थे

समाजवादी पार्टी व परिवार में विवाद यूं तो कई सालों से ढके-छिपे चला आ रहा था लेकिन पिछले साल जून में यह तब मुखर हुआ जब सपा में मुख्तार अंसारी के प्रवेश को लेकर अखिलेश व शिवपाल के बीच मतभेद गहरा गए। इसके बाद तो रार बढ़ती गई। पहले शिवपाल ने अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटवाया और खुद अध्यक्ष बन गए तो एक मौका ऐसा भी जब सपा से अखिलेश व रामगोपाल बाहर हो गए। निर्णायक मोड़ तब आया जब इस साल एक जनवरी को मुलायम को हटाकर अखिलेश खुद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए और इस मुहिम में रामगोपाल ने अखिलेश का साथ दिया। पार्टी की कलह के चक्कर में सपा सत्ता से भी बाहर हो गई लेकिन कलह थमने का नाम नहीं ले रही है।

कब कैसे क्या क्या हुआ:

सियासी दांव के माहिर रहे मुलायम सिंह यादव ने शायद ही कभी सोचा होगा कि उन्हें 1992 में बनाई पार्टी से इस तरह बाहर होना पड़ेगा। सपा ने पहली बार 1993 में बसपा के साथ गठबंधन की सरकार बनाई। इसके बाद सपा के नेतृत्व में जोड़तोड़ के बाद 2003 में सरकार बनी। सपा की बहुमत की सरकार पहली बार वर्ष 2012 में बनी। तब मुलायम ने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया और इसके बाद से सपा में रार शुरू हुई। शिवपाल उस वक्त राय रखते थे कि लोकसभा चुनाव यानी 2014 तक अखिलेश को मुख्यमंत्री न बनाया जाए और मुलायम सिंह ही मुख्यमंत्री बनें।

साल 2016 2 जून : मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के विलय के सवाल पर तत्कालीन सीएम अखिलेश ने मुलायम के करीबी बलराम यादव को निकाला।

15 अगस्त : सपा के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को चेतावनी देते हुए कहा अगर शिवपाल ने इस्तीफा दिया तो पार्टी टूट जाएगी।

12 सितंबर : अखिलेश ने दागी मंत्रियों राजकिशोर व गायत्री प्रजापति को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया। वे दोनों मुलायम और शिवपाल के करीबी थे।

13 सितंबर : अखिलेश ने शिवपाल के करीबी व प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटाया। इसी रोज मुलायम ने शिवपाल के कहने पर अखिलेश को सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया और शिवपाल को नया अध्यक्ष बनाया। अखिलेश ने शिवपाल से महत्वपूर्ण विभाग छीने।

14 सितंबर : अखिलेश ने झगड़े के लिए अमर सिंह को जिम्मेदार बताया।

20 सितंबर : शिवपाल ने अखिलेश के सात युवा समर्थकों को पार्टी से निकाला। इसमें तीन एमएलसी भी शामिल।

24 अक्टूबर : मुलायम ने सपा से रामगोपाल को बाहर किया।

30 दिसंबर : मुलायम ने अखिलेश व रामगोपाल को पार्टी से निकाला।

साल 2017 1 जनवरी : रामगोपाल ने विशेष अधिवेशन बुलाकर मुलायम की जगह अखिलेश यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनवा दिया। शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया।

2 जनवरी: नरेश उत्तम प्रदेश अध्यक्ष बने। विवाद चुनाव आयोग पहुंचा।

11 मार्च : विधानसभा चुनाव सपा की करारी हार। शिवपाल ने हार का ठीकरा अखिलेश पर फोड़ा।

23 सितंबर : सपा के सम्मेलन में शिवपाल खेमे को बताया आस्तीन का सांप।

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