भारतीय सेना जल्द पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देगी – विपिन रावत


एलायंस टुडे ब्यूरो

नई दिल्ली। जम्मू के संजुवां स्थित सैन्य कैम्प पर हुए हमले को लेकर सेनाध्यक्ष विपिन रावत का कहना है कि भारतीय सेना जल्द पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देगी। सुंजवां में जैश-ए-मोहम्मद की तरफ से किए गए फिदायीन हमले में छह सेना की जवान शहीद हो गए थे जबकि एक नागरिक की मौत हो गई थी। घटना के फौरन बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस हमले के पीछे सीधे तौर पर पाकिस्तान का हाथ बताते हुए कहा था- उसे इस दुस्साहस की कीमत चुकानी होगी। बुधवार को इंटव्यू के दौरान सेनाध्यक्ष ने भारत की सामरिक और रणनीतिक जानकारी को साझा किए बिना कहा कि हमारे पास कार्रवाई के कई सारे विकल्प मौजूद है जिनमें सर्जिकल स्ट्राइक भी शामिल है। भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बहाली की दिशा में किए गए 2003 के समझौतों का हवाला देते हुए जनरल रावत ने कहा कि जितनी जल्दी पाकिस्तान की तरफ से भारत में आतंकियों को भेजना बंद किया जाएगा वे नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का आदेश दे देंगे। रावत ने कहा- “भारत सेना उस दिन से संघर्ष विराम का सम्मान और तनाव कम करने का प्रयास करेगी जब पाकिस्तान नियंत्रण रेखा के पास से आतंकियों की घुसपैठ कराना छोड़ देगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल से नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन के मामलों में काफी तेजी आई है। साल 2017 में ऐसे 860 पर संघर्ष विराम उल्लंघन के मामले दर्ज किए गए जबकि उसके पिछले साल 271 मामले सामने आए थे। जब सेनाध्यक्ष जनरल रावत से पूछा गया कि जब पीडीपी-भाजपा की गठबंधन वाली सरकार केन्द्र के मध्यस्थकार दिनेश्वर शर्मा के सुझाव पर पहली बार पत्थर फेंकनेवालों के ऊपर से केस वापस ले रही है ऐसे वक्त में 27 जनवरी को सेना के जवानों की तरफ से शोपियां में प्रदर्शन के दौरान तीन लोग मारे गए। इसके जवाब में रावत ने बताया- “यह केस सद्भावना के तहत वापस लिए गए लेकिन क्या वे सद्भावना दिखा रहे हैं? पत्थरबाजी लगातार जारी है।” जनरल रावत ने सैन्य कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि पत्थरबाज सैन्य अभियान के दौरान बाधा पैदा कर रहे थे। उन्होंने कहा- “सेना का काम करना है। हम कभी भी कोलेट्रल डैमेज नहीं चाहते हैं लेकिन तब आप हम से क्या चाहते हैं जब हम चारों तरफ पत्थरबाजों से घिरे हों? यहां तक की शोपियां में भी हमने पहले हवा में फायर किया था। मेजर गोगई की तरफ से पिछले साल जीप की बोनट पर फारुख अहमद डाल को बांधने की विवादित घटना का उल्लेख करते हुए जनरल रावत ने कहा- “मैं आपसे यह कहता हूं कि हमने स्थानीय भावनाओं का सम्मान किया और जनाजा के वक्त कोई ऑपरेशन नहीं किया जबकि वहां पर आतंकी आए और हवा मे फायरिंग की। आप हमसे क्या चाहते हो कि सभी जीप के फ्रंट में एक सीट हो।”

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *