रमेश चन्द्र
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल रिपब्लिकिन पार्टी आॅफ इंडिया (ए) में दो फाड़ के आसार बन गये हैं। यूपी में आरपीआई के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर यह स्थिति पैदा हो गई है। पार्टी के अध्यक्ष केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले जहां चैदह साल से कुर्सी संभाल रहे सत्य नारायण को प्रदेश अध्यक्ष बता रहे हैं, वहीं पार्टी के महासचिव पाटिल पिछले दिनों तक कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष का कार्य देख रहे जवाहर लाल को प्रदेश अध्यक्ष होने की बात कह रहे हैं। पार्टी के शीर्ष नेताओं के अलग-अलग दावों से पार्टी कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति बन गई है।
केंद्रीय राज्यमंत्री श्री आठवले 23 मई को लखनऊ पहुंच रहे हैं। सुबह आठ बजे अमौसी एयरपोर्ट पर पार्टी कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे। बाद में श्री आठवले फतेहपुर जिले में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। पार्टी प्रमुख के स्वागत को लेकर मंगलवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पार्टी नेता व कार्यकर्ता तैयारी में लगे थे। जवाहर लाल प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन होकर तैयारियों की समीक्षा करते रहे। इस दौरान पार्टी के कुछ नेता भी उनके साथ शामिल थे, वहीं सत्य नारायण रायबरेली का दौरा करने के बाद लखनऊ पहुंचकर स्वागत की तैयारी में जुटे थे। शाम के वक्त जब सत्य नारायण प्रदेश कार्यालय पहुंचे तो अपनी कुर्सी पर जवाहर लाल को बैठे होने की जानकारी पाकर वह गुस्से में आ गये, पर गुस्से को थामते हुए वह पार्टी कार्यालय के बाहरी कक्ष में बैठकर तैयारियों का जायजा लेते रहे। इस बीच सत्य नारायण के समर्थक आग बबूला हो रहे थे। समर्थकों का गुस्सा इस बात को लेकर था कि दारूलशफा परिसर में रखे फलैक्स बोर्ड में जवाहर लाल के प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित होने व उनके स्वागत की बात लिखी हुई थी।
इस सिलसिले में इस संवाददाता ने पार्टी नेता जवाहर लाल से पूछताछ की तो उन्होंने खुद को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बताया। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुए चुनाव में वह निर्वाचित हुए हैं। पार्टी के महासचिव डाॅ मोहन पाटिल ने पूछे जाने पर कहा कि यूपी में जवाहर लाल ही प्रदेश अध्यक्ष हैं, क्योंकि वह निर्वाचित हुए हैं, जबकि पार्टी प्रमुख रामदास आठवले ने पूछे जाने पर बताया कि यूपी में सत्य नारायण प्रदेश अध्यक्ष हैं। दोनों नेताओं के अलग-अलग दावों से पार्टी में आपसी टकराव होने के आसार बन गये हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में सत्य नारायण व जवाहर लाल के बीच टकराव का असर पूरी पार्टी पर पड़ने के आसार बन गये हैं। अब पार्टी प्रमुख आठवले के लखनऊ आगमन पर ही स्थिति साफ होने की संभावना बताई जा रही है।