एलायंस टुडे ब्यूरो
सीतापुर। उत्तर प्रदेश में बाघ तथा तेंदुआ के बाद अब कुत्तों का आतंक हो गया है। अलीगढ़ में दो दिन पहले पोस्टमार्टम हाउस में कत्तों ने शव को नोंच डाला था, लेकिन आज सुबह सीतापुर में इससे भी भयानक घटना को अंजाम दिया गया। यहां पर कुत्तों ने तीन बच्चों को मार डाला। इस घटना के बाद भी प्रशासन के तमाशबीन रहने के कारण लोगों में रोष है। सीतापुर में चार महीने में नौ बच्चों को कुत्तों ने मार डाला है। सीतापुर में खैराबाद थाना क्षेत्र के गुरपलिया, टिकरिया व कोलिया गांव में मंगलवार को आदमखोर कुत्तों के झुंड ने एक के बाद एक तीन बच्चों को नोच-नोचकर मार डाला। पहली घटना टिकरिया गांव में हुई। यहां के निवासी कैलाश नाथ चैधरी की छोटी बेटी शामली (11) अपनी सहेलियों के साथ टहलने निकली थी। गांव के बाहर भट्ठे के पास बाग में कुत्तों ने शामली को दबोच लिया और नोचकर मार डाला।शोर सुनकर लोग घटना स्थल पर दौड़े। लोगों को आता देख कुत्ते भाग गए, लेकिन बच्ची को बुरी तरह जख्मी कर दिया था। थोड़ी देर बाद ही बच्ची ने दम तोड़ दिया।
दूसरी घटना गुरपलिया गांव में हुई। यहां आबिर अली उर्फ छोटकन्ने के बेटे खालिद (12) को कुत्तों के झुंड ने नोच नोच कर मार डाला। कक्षा सात का छात्र खालिद बाग में आम बीनने गया था। परिवारीजन के मुताबिक रात में आंधी के बाद आम गिरे थे।सुबह सात बजे बच्चा बाग पहुंचा तो कुत्तों के झुंड ने हमला बोल दिया। आदमखोर कुत्तों के झुंड ने उसे घेर लिया और नोचने लगे। खालिद चिल्लाया तो गांव के लोग दौड़े, लेकिन तब तक खालिद की मौत हो चुकी थी।
तीसरी वारदात कोलिया गांव में अपने नाना काशी के यहां आई इमलिया सुल्तानपुर के कोड़वा निवासी रघुनंदन की पुत्री कोमल (11) सहेलियों के साथ खेत जा रही थी। दिन के 11 बजे कुत्तों के झुंड ने उसपर हमला बोलते हुए बुरी तरह से नोच डाला। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। पिछले चार महीनों में कुत्तों के हमले में नौ बच्चे मर चुके हैं मगर प्रशासन तमाशबीन बना है। यही नहीं, शहर विधायक राकेश राठौर ने इन घटनाओं पर विधानसभा में प्रश्न किया, इसके बाद भी अब तक कोई प्रयास नहीं हुए हैं। गांवों में आवारा कुत्तों का आतंक कायम है। रात में और भी खूंखार हो जाते है। डरे-सहमें शहरवासी रात में घर से निकलने को हिचकिचाते हैं। प्रशासन इसे लेकर जरा भी गंभीर नहीं है। लोगों में दशहत का माहौल बना हुआ है। हाल में कुत्तों ने 10 बकरियों को काट कर मार डाला था। आवारा कुत्तों की तादात बढ़ गई है। दिन की तुलना में कुत्ते रात में ज्यादा खतरनाक हो जाते है। रात में झुंड बनाकर सड़कों पर निकल पड़ते है। कुत्ते बाइक सवार लोगों को भी काटने के लिए दौड़ा लेते है। कई बाइक सवार तो भागने के चक्कर में गिरकर चुटहिल तक हो चुके हैं।