एलायंस टुडे ब्यूरो
नई दिल्ली। चुनाव आयोग द्वारा कर्नाटक विधानसभा चुनावों के ऐलान करने के पश्चात् भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कर्नाटक में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने कर्नाटक सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने सिद्धारमैया सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि किसान मर रहे हैं और सरकार सो रही है। शाह ने कर्नाटक के दावनगेरे में किसानों के आत्महत्या के मामले पर कहा कि जहां भाजपा की सरकार है वहां किसान आत्महत्या की संख्या काफी कम है। शाह ने कहा कि गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में पिछले 15 सालों से बीजेपी की सरकार है। इन राज्यों में किसान आत्महत्या के आंकड़े काफी कम है। शाह ने कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार पर हिंदुओं को बांटने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक तरफ उनकी (कांग्रेस) पार्टी अध्यक्ष हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई को एक करने की बात करते हैं वहीं दूसरी ओर उनके मुख्यमंत्री हिंदुओं का विभाजन कर रहे हैं। ऐसा कोई बड़ा आंतरिक संघर्ष किसी अन्य पार्टी में नहीं है।
भाजपा अध्यक्ष के बयान के बाद सीएम सिद्धारमैया ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें हारने का डर सता रहा है। उन्होंने कहा- वह इस तरह का बयान हताशा की वजह से दे रहे हैं। वे परेशान हैं क्योंकि उन्हें हारने का डर है। भाजपा सांसद प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि सिद्धरमैया दोबारा सीएम नहीं बनेंगे। कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस भी चुनावी रेस में शामिल है। आगामी विधानसभा चुनाव सिद्धारमैया सरकार के लिए अग्निपरीक्षा की तरह है। मतदाताओं को लुभाने के लिए कांग्रेस ने एक दांव खेलते हुए लिंगायत को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा दे दिया है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से अमित शाह और राहुल गांधी प्रदेश में हैं और दोनों मठों का दौरा कर रहे हैं। साल 2013 में हुए चुनावों में कांग्रेस ने 224 सीटों में से 122 सीटों पर कब्जा किया था।