एलायंस टुडे ब्यूरो
लखनऊ। यूपी में सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं के साथ बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मंगलवार को पूरे दिन कार्य बहिष्कार कर काम बंद रखा। संघर्ष समिति ने आन्दोलन को और तेज करते हुए ऐलान किया है कि बिजली के निजीकरण के निर्णय के विरोध में 28 मार्च से बिजली कर्मचारी व अभियन्ता नियमानुसार कार्य करेंगे और 09 अप्रैल को 9 बजे से तमाम बिजली कर्मचारी व अभियन्ता 72 घंटे का प्रान्त व्यापी कार्य बहिष्कार करेंगे। इस दौरान सारे प्रदेश में जनपद व परियोजना मुख्यालयों पर प्रतिदिन विरोध सभायें जारी रहेंगी। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि व्यापक जनहित में सरकार निजीकरण का फैसला वापस ले। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है यदि बिजली कर्मचारियों के शांतिपूर्ण आन्दोलन का दमन करने हेतु किसी भी कर्मचारी का उत्पीड़न किया गया तो बिना और कोई नोटिस दिये अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर दिया जायेगा। संघर्ष समिति ने आज यह भी घोषणा की कि यदि किसी भी कर्मचारी की गिरफ्तारी की गयी तो हर जनपद व परियोजना पर बिजली कर्मचारी व अभियन्ता सामूहिक गिरफ्तारियां देना प्रारम्भ कर देंगे। संघर्ष समिति के आह्वान पर आज हुए कार्य बहिष्कार के दौरान राजधानी लखनऊ सहित सभी जनपदों में बिजली के दफ्तरों और विद्युत उपकेन्द्रों पर सन्नाटा पसरा रहा। अनपरा, ओबरा, पिपरी, पनकी, हरदुआगंज और पारीछा बिजली घरों के गेट पर तथा वाराणसी, गोरखपुर, इलाहाबाद, आजमगढ़, बस्ती, मिर्जापुर, फैजाबाद, गोण्डा, बरेली, मुरादाबाद, गाजियाबाद, मेरठ, बुलन्दशहर, सहारनपुर, नोएडा, झांसी, बांदा, आगरा, अलीगढ़, कानपुर, केस्को और सभी जनपद मुख्यालयों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन एवं सभायें हुईं। राजधानी लखनऊ में पावर कारपोरेशन के मुख्यालय शक्ति भवन पर पांच हजार से अधिक कर्मचारियों व अभियन्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार किया। शक्ति भवन स्थित कार्यालयों, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मुख्यालय एवं लेसा के दफ्तरों में सन्नाटा छाया रहा। शक्ति भवन पर हुई सभा को संघर्ष समिति के शैलेन्द्र दुबे, राजीव सिंह, गिरीश पाण्डेय, विपिन प्रकाश वर्मा, सुहैल आबिद, राजेन्द्र घिल्डियाल, परशुराम, पीएन राय, पूसेलाल, एके श्रीवास्तव, महेन्द्र राय, शशिकान्त श्रीवास्तव, करतार प्रसाद, केएस रावत, पीएन तिवारी, आरएस वर्मा, रामनाथ यादव, पवन श्रीवास्तव, शम्भू रत्न दीक्षित, कुलेन्द्र प्रताप सिंह व मो. इलियास पदाधिकारियों ने सम्बोधित किया।