बाराबंकी : कुएं में फिसलकर गिरी बालिका, मौत

इंजन में पानी डालने के लिए बालिका कुएं से पानी लाने गई। काफी देर इंतजार के बाद पिता जब कुएं पर पहुंचा तो देखा कि बाल्टी-रस्सी समेत बालिका कुएं के अंदर गिरी पड़ी है। उसका शोर सुनकर आसपास खेत में काम कर रहे किसान मौके पर आए। काफी मशक्कत के बाद बालिका को कुएं से निकाला गया। मगर तब तक उसकी मौत हो गई थी। इस हृदय विदारक घटना की सूचना घर पहुंची तो परिजनों का रो-रोकर बुराहाल था। परिजनों ने पुलिस को आवेदन पत्र देकर पोस्टमार्टम न कराने का अनुरोध किया और फिर गांव जाकर बालिका का अंतिम संस्कार कर दिया। घटना बदोसरायं थाना क्षेत्र के ग्राम सफीपुर मजरे अमरा देवी की है।

बेटी संग मेंथा में पानी लगाने गया था संतराम : ग्राम सफीपुर मजरे अमरा देवी निवासी संतराम सुबह अपने मेंथा की फसल में पानी लगाने के लिए निकल रहा था। इस पर उसकी 12 वर्षीय पुत्री सुन्दारा ने भी खेत चलने की जिद की तो पिता उसे अपने साथ ले आया। खेत में लगी बोरिंग में पानी उतर गया था। इसे लेकर संतराम ने अपनी पुत्री से कहा कि पड़ोस में स्थिति कुएं से पानी ले आए ताकि बोरिंग में पानी डालकर इंजन को चलाया जाए। इस पर सुन्दारा बाल्टी व रस्सी लेकर खेत के पास में ही स्थित कच्चे कुएं में गई।

काफी देर तक न लौटी बालिका तो पता चली घटना : संतराम खेत में ही दूसरे काम में लग गया। मगर पानी के लिए इंजन चलाना जरूरी था। ऐसे में सुन्दारा पानी लेकर वापस नहीं लौटी तो उसे चिंता हुई। इस पर वह कुएं के पास बेटी को देखने पहुंचा तो उसे वह वहां नहीं दिखी। इस पर उसकी नजर कुएं के अंदर पड़ी तो वह जोर-जोर से चीखने लगा। बचाओ-बचाओ हमारी बेटी कुएं में गिर गई है। उसका शोर सुनकर आसपास खेतों में काम करने वाले किसान दौड़े तो देखा कि बाल्टी-रस्सी समेत बालिका कुएं में गिरी हुई है। आनन-फानन मोटे रस्सी के सहारे एक ग्रामीण को कुएं में उतारा गया। वह बहुत मुश्किल से बालिका को खींचकर बाहर लाया। बाहर आने पर जब बालिका को देखा गया तो उसकी मौत हो गई थी। उधर, घटना की सूचना पाकर परिवार की महिलाएं व अन्य सदस्य भी खेत आ गए। बेटी का शव देख मां का रो-रोकर बुरा हाल था। अन्य परिजनों के भी आंसू नहीं थम रहे थे। ग्रामीणों ने परिवार वालों को ढांढस बंधाया। इसके बाद संतराम व ग्राम प्रधान के साथ कई ग्रामीण बदोसरायं थाने पहुंचे और घटना को हादसा बताते हुए पोस्टमार्टम न कराए जाने का प्रार्थना पत्र दिया और लौटकर बालिका का अंतिम संस्कार कर दिया।

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