पाकिस्तानी सैनिकों ने दो दिन की शांति के बाद गुरुवार को फिर जम्मू और सांबा जिलों में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। भारत की जवाबी कार्रवाई से बौखलाए पाक सैनिकों ने भारतीय सुरक्षा चौकियों के साथ-साथ नागरिक इलाकों पर भी मोर्टार दागे, जिसकी चपेट में आने से तीन लोग जख्मी हो गए।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी रेंजर्स ने अरनिया सेक्टर में बीएसएफ की चौकियों पर अकारण गोलाबारी की, जो सूचना दिए जाने तक जारी थी। इससे सबसे अधिक अरनिया खुर्द, पिंडी, काठर, जबोवाल, कोल खुद गांव प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, भारतीय सैनिक भी इसका मुहंतोड़ जवाब दे रहे हैं। अधिकारी के मुताबिक पाक सैनिकों ने गुरुवार तड़के 3:50बजे सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर स्थित जेरधा गांव पर भी गोलाबारी की।
पुलिस ने बताया कि पाक गोलाबारी में तीन लोग घायल हुए हैं। उनकी पहचान काठर निवासी 40 वर्षीय किशोरी लाल, उनकी पत्नी 35 वर्षीय पम्मी देवी और कोल खुर्द निवासी 20 वर्षीय गुरदेव सिंह के तौर पर की गई है। उन्होंने बताया कि किशोरी लाल और पम्मी को रामगढ़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि गुरदेव को जम्मू के जीएमसी अस्पताल भेजा गया है। पुलिस के मुताबिक पाकिस्तानी गोलों की जद में आने से कई मकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं करीब एक दर्जन मवेशी मारे गए हैं।
पहले से जारी कायराना हकरत
पाकिस्तान ने 13 और 18 सितंबर के बीच कई बार अंतरराष्ट्रीय सीमा पार गोलाबारी कर चुका है, जिसका भारतीय सुरक्षाबलों की ओर से मुहंतोड़ जवाब दिया जा रहा है। इससे बौखलाकर पाक सैनिक भारतीय क्षेत्र स्थित नागरिक इलाकों को निशाना बना रहे हैं। 17 सितंबर की रात पाक सैनिकों ने अरनिया सेक्टर के कई गांवों को निशाना बनाया। इनमें से करीब एक दर्जन मोर्टार अरनिया के बस अड्डे पर गिरे, जिनमें विस्फोट से एक महिला की मौत हो गई थी। इसी प्रकार 16 सितंबर को साई, त्रेवा और जबॉन गांवों में एक मदिंर,तीन गोशाला पर मोर्टार दागे थे।
संघर्ष विराम बेमानी
भारतीय सेना के आंकड़ों के मुताबिक इस साल संघर्ष विराम का उल्लंघन के मामलों में वृद्धि हुई है। 1 अगस्त 2017 तक पाकिस्तान की ओर से 285 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया। जबकि 2016 में यह संख्या 228 थी।