एलायंस टुडे ब्यूरो
इलाहाबाद। अर्धकुम्भ 2007 में जूना अखाड़े के साधु शनिपुरी हत्याकांड में वांछित 25 हजार के इनामी को एएसपी की टीम ने बिहार से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित भी जूना अखाड़े का साधु है। वारदात के बाद से वह बिहार चला गया था और वहीं पर तंत्रमंत्र करता था। बिहार के बेगुसराय जिले के डीहा गांव निवासी परमेश्वरी पुरी उर्फ पंचम अपनी 9 बेटियों की शादी करने के बाद साधु बन गया। इसके बाद जूना अखाड़े में शामिल हो गया। बनारस से अखाड़े की सदस्यता मिल गई। 2007 में अर्धकुम्भ के दौरान वह इलाहाबाद आया था। जूना अखाड़े के शिविर में वह गुरुभाई बाबा शनिपुरी के साथ रहता था। इस दौरान उनकी शिविरों में चैकी व अन्य सामान की सप्लाई करने वाले हाशिम रजा उर्फ अमन से उसकी दोस्ती हो गई। एएसपी माधव सुकृति ने बताया कि सप्लाई के दौरान करीब दो लाख रुपये का बिल आया था। बिल चुकाने के लिए दोनों गुरुभाइयों की झड़प हो गई। इस दौरान परमेश्वरी पुरी और हाशिम ने मिलकर शनिपुरी की गला घोंटकर हत्या कर दी और बाथरूम में उनका शव टांग दिया ताकि लोगों को लगे कि उन्होंने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए हाशिम को गिरफ्तार कर लिया। वारदात के बाद से परमेश्वरी फरार था। बुजुर्ग परमेश्वरी के बारे में एएसपी सुकृति माधव को जानकारी मिली। उन्होंने स्पेशल टीम बनाया और दरोगा अनिल, सिपाही विजेन्द्र राय, अनूप, धनंजय, याकूब व हशीम को बिहार भेजा। पुलिस ने मुंगेर स्थित एक मंदिर से आरोपित को पकड़ लिया। पुलिस की मानें तो वहां पर परमेश्वरी उर्फ पंचम बाबा बच्चा न होने पर महिलाओं को गर्भवती होने के लिए भस्म देता था।