जरूरी नहीं है कि बड़े अपराधियों को जेल भेजा जाए, उन्हें जहां होना चाहिए भेजिएः सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्हें प्रदेश छोड़ने के लिए विवश किया जाए। उन्होंने सर्वे करके प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को बाहर भेजने का निर्देश भी दिया। उनके इस निर्देश को अवैध बांग्लादेशियों व रोहिंग्या मुसलमानों से जोड़कर देखा जा रहा है। उन्होंने पीएसी की खत्म कर दी गई 73 कंपनियां फिर से गठित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री बुधवार शाम को लखनऊ में कानून-व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने एसओ से लेकर एडीजी जोन तक को प्रतिदिन पैदल गश्त कर जनता से संवाद स्थापित करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए अपराधियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। थानेवार संदिग्ध व्यक्तियों की सूची बनाकर उनकी निरन्तर निगरानी करें। उन्होंने कहा कि दीपावली एवं छठ पूजा में कोई भी अप्रिय घटना घटित हुई तो संबंधित पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिलों के एसएसपी डीएम से परामर्श कर मेरिट के आधार पर थानाध्यक्षों की तैनाती करें और निठल्ले, लापरवाह व संवेदनहीन थाना प्रभारियों को चिह्नित कर बाहर का रास्ता दिखाएं। मुख्यमंत्री ने पीएसी की 273 कंपनियों में से जनशक्ति के अभाव में खत्म कर दी गई 73 कंपनियों को समयबद्ध ढंग से जल्द से जल्द पुनर्गठित करने का निर्देश भी दिया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आम नागरिकों को बेहतर यातायात की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिलावार ट्रैफिक प्लान बनाकर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि बस्तियों में संचालित पटाखों की दुकानों एवं गोदामों को कतई संचालित न होने दिया जाए। अन्य राज्यों के सीमावर्ती जिलों पर विशेष निगरानी रखकर संदिग्ध व्यक्तियों की अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए सघन जांच अभियान चलाया जाए। जेल में बंद अपराधियों पर भी कड़ी नजर रखी जाए ताकि वे जेल में रहकर किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम न देने पाएं। मुख्यमंत्री ने अवैध खनन, अवैध तस्करी एवं पशु तस्करी पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए अभियान चलाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। तीन घंटे तक चली इस बैठक में मुख्य सचिव राजीव कुमार, प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार, डीजीपी सुलखान सिंह, सचिव मुख्यमंत्री मृत्युंजय कुमार नारायण व सचिव गृह मणि प्रसाद मिश्रा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था की समीक्षा के दौरान मथुरा में हुई एक घटना पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि वहां के पुलिस अधीक्षक ने युवती की बात नहीं सुनी और बाद में बड़ी घटना हो गई। ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी शिकायतें मिलें उन पर त्वरित कार्रवाई करें। घटनाएं होनी ही नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री ने एसटीएफ को प्रदेश में अवैध खनन रोकने के लिए टीमें बनाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

खास निर्देश

-जरूरी नहीं है कि बड़े अपराधियों को जेल भेजा जाए, उन्हें जहां होना चाहिए भेजिए
-शिकायत करने वाली की हर हाल में सुनवाई हो
-हत्या न होने पाए, पहले से रंजिश का पता लगाएं
-जब सियासी दबाव नहीं हो क्यों हो घटनाएं रोकें
-जो निठल्ले थानेदार-अधिकारी हैं उन्हें दंडित कर हटाएं
-बांग्लादेशियों का नेटवर्क ध्वस्त करें
-अपराधी कैसा भी हो कुचल डालें

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