एजेंसी
बीजिंग। चीन ने पाकिस्तान से अपनी घनिष्ठ मित्रता का सबूत दिया है। चीन ने पाकिस्तान को अत्याधुनिक और खुफिया ट्रैकिंग सिस्टम दिया है। इस खुफिया ट्रैकिंग सिस्टम के इस्तेमाल से पाकिस्तान की ताकत में बढ़ोत्तरी होना तय है। अब पाकिस्तान मल्टी-वारहेड्स बना सकता है। बता दें कि चीन लंबे समय से पाकिस्तान का आर्म्स सप्लाई करते आ रहा है।
ब्रह्मोस मिसाइल परीक्षण के कुछ देर बाद ही सामने आई चीन-पाकिस्तान की ये डील
भारत ने आज गुरुवार को ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। ब्रह्मोस मिसाइल को दुनिया का सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बताया जा रहा है। इससे पहले भारत ने दो माह पहले अग्नि-5 का परीक्षण किया था। भारत के ब्रह्मोस मिसाइल के सफल परीक्षण के कुछ देर बाद ही चीन द्वारा पाकिस्तान को खुफिया ट्रैकिंग सिस्टम बेचने की खबर ने जोर पकड़ लिया था। बता दें कि चीन और पाकिस्तान के बीच हुई इस आर्म्स डील पर भारत पैनी नजर रखे हुए है। दोनों देशों के बीच हुई इस डील की रकम के बारे में अभी कोई खुलासा नहीं हुआ है।
खुफिया ट्रैकिंग सिस्टम मिलते ही पाकिस्तान ने इसका इस्तेमाल भी किया शुरू
खबरों की मानें तो खुफिया ट्रैकिंग सिस्टम मिलते ही पाकिस्तानी सेना ने इसका फायरिंग रेंज के करीब इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है। इसके जरिए पाकिस्तानी सेना नए मिसाइल को विकसित करने की प्रक्रिया में लग गई है। इस ट्रैकिंग सिस्ट के इस्तेमाल से पाकिस्तान कई टेलिस्कोप के जरिए कई ऐंगल से एकसाथ कई मिसाइल को ट्रैक कर सकता है। इससे टारगेट मिस करने का खतरा कम हो जाता है। शिचुआन प्रांत के चेंगदु स्थित सीएएस इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्टिक्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स में शोधार्थी झेंग मेंगवई ने हांगकांग स्थित साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट कहा कि हमने उन्हें दो आंखें (निगाह रखने वाला उपकरण) दी हैं। वे इसका उपयोग उस चीज को देखने में कर सकते हैं, जो वे देखना चाहते हैं। सीएएस ने कहा कि पाकिस्तान को इस तरह का संवेदनशील उपकरण निर्यात करने वाला चीन पहला देश है।
भारत को चीन का जवाब
पाकिस्तान को इस प्रणाली की बिक्री को भारत द्वारा अत्याधुनिक अन्तरा महाद्वीपीय बालिस्टिक प्रक्षेपास्त्र अग्नि पांच के परीक्षण से जोड़कर देखा जा रहा है। भारत का यह प्रक्षेपास्त्र बीजिंग अथवा शांघाई को निशाना बनाने में सक्षम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का एक आयुध ले जाने में सक्षम यह मिसाइल बड़ा है और लंबी दूरी तक मार कर सकता है जबकि पाकिस्तान कई परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम मिसाइलों के विकास पर जोर दे रहा है जो एक साथ विभिन्न लक्ष्यों को ओर निर्देशित किए जा सकेंगे।
पाकिस्तान ने जनवरी 2017 में अबाबील मिसाइल का किया था परीक्षण
अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी ने मार्च में आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि की थी कि पाकिस्तान ने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम अपनी अबाबील मिसाइल का जनवरी 2017 में प्रथम परीक्षण किया। हालांकि, पाकिस्तान से बाहर सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि अबाबील मिसाइल को लड़ाई में इस्तेमाल करने के लिए तैयार करने में कहीं अधिक वक्त लगेगा। समझा जाता हे कि यह अभी विकास के प्रथम चरण में है। चीन पाकिस्तान को जहाज, पनडुब्बी और लड़ाकू विमानों सहितविभिन्न हथियारोंकी आपूर्ति करता है। रिपोर्ट में इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि पाकिस्तान ने इस प्रणाली को हासिल करने के लिए कितनी रकम दी।