एलायंस टुडे ब्यूरो
नई दिल्ली। चार अप्रैल से शुरू हो रहे ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेने वाले भारतीय दल को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है। भारतीय दल के साथ जा रहे अधिकारियों की संख्या पर भौहें तन गईं हैं। भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) ने खेल मंत्रालय को भारतीय दल की लंबी-चैड़ी सूची सौंपी है। इसमें 222 एथलीटों के साथ 106 अधिकारियों का नाम शामिल है। अधिकारियों में 57 कोच, 19 डॉक्टर व फिजियो, सात मैनेजर और आइओए के सदस्य शामिल हैं। आइओए ने तैराकी दल में कोच के तौर पर प्रदीप श्रीधरन का नाम भेजा है। लेकिन ना तो वह टीम से कोच के तौर पर जुड़े रहे हैं और ना ही वह राष्ट्रीय शिविर का हिस्सा हैं। वास्तव में श्रीधरन का ताल्लुक दुबई से है। कुछ वर्ष पहले तैराकी संघ द्वारा हटाए जाने से पहले श्रीधरन टीम के साथ मुख्य कोच के तौर पर जुड़े हुए थे। हालांकि इसके बावजूद वह संघ के चहेते बने रहे। सूत्रों के मुताबिक पिछली बार जून-जुलाई में एशियन चैंपियनशिप से पहले संघ ने उनकी सेवा को अभ्यास शिविर में करीब 20 दिनों के लिए बढ़ाया था। इसके बाद से उनकी अनुपस्थिति में देश के तैराकों के लिए कोई भी राष्ट्रीय शिविर का आयोजन नहीं किया गया और उन्हें खुद से अभ्यास करने के लिए छोड़ दिया गया।
गोल्ड कोस्ट में तैराक विर्धावाल खाड़े, साजन प्रकाश और युवा श्रीहरि नटराज देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। जहां खाड़े बेंगलुरु में अपने निजी कोच के साथ अभ्यास कर रहे हैं तो वहीं प्रकाश अमेरिका में अभ्यास कर रहे हैं। अगर श्रीधरन का नाम जायज है तो वह दुबई से सीधे गोल्ड कोस्ट में टीम से जुड़ेंगे। वहीं भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआइ) ने अपने एथलीटों के लिए एक भी तैयारी शिविर का आयोजन नहीं किया। किरण टाक और वैष्णवी जगताप उन आठ भारतीय पैरा एथलीटों में शामिल हैं जो गोल्ड कोस्ट में भाग लेंगी। किरण गांधीनगर में और वैष्णवी नागपुर में ख्रुद से अभ्यास कर रही हैं। उधर जिम्नास्टिक्स और साइकिलिंग के दल में किसी कोच का नाम शामिल नहीं है। जब से आइओए को प्रायोजक मिला है वह ज्यादा से ज्यादा अपने अधिकारियों को भेजना चाह रहा है।