केंद्रीय मंत्रीः बिहार के एससी-एसटी बहुल गांवों में खोले जाएंगे 100 बीपीओ

एलायंस टुडे ब्यूरो

पटना। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि बिहार के एससी-एसटी बहुल गांवों में 100 बीपीओ खोले जाएंगे। जिसकी कमान इसी समुदाय के हाथों में होगी। इसमें पांच-दस महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। बिहार के हर जिले के एक-एक गांव को डिजिटल (डिजि गांव) बनाया जाएगा। देश में छह करोड़ गरीब परिवारों को डिजिटल साक्षर किया जाएगा। शनिवार को कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से हुए दलित सशक्तीकरण कार्यक्रम में राज्य भर से आए 300 दलितों के बीच केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दूसरे दलों की तरह हम केवल वोट की बात नहीं करते हैं। एससीध्एसटी को डिजिटल साक्षर किया जा रहा है। ई-मेल, फेसबुक, मैसेज भेजना, एप से पेमेंट, स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करना सिखाया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि देश में अभी एक करोड़ 12 लाख लोग डिजिटल साक्षर हो चुके हैं। इसमें 23 लाख एससी और डेढ़ लाख एसटी हैं। बिहार में आठ लाख दो हजार डिजिटल साक्षर हैं, जिसमें दो लाख एससीध्एसटी हैं। मुद्रा योजना में 12 करोड़ लोगों को साढ़े पांच लाख करोड़ कर्ज मिले। इसमें दो करोड़ 18 लाख एससी और 58 लाख एसटी हैं। बिहार में एक करोड़ दो लाख लोगों को कर्ज मिला जिसमें 83 लाख महिलाएं, 14 लाख एससी और तीन लाख 70 हजार एसटी हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में 2.91 लाख तो बिहार में 22 हजार 613 सीएससी कार्यरत हैं। यहां से अभी 300 तरह की डिजिटल सेवाएं दी जा रही है। जल्द ही रेलवे टिकट भी यहां से मिलेंगे। 52 हजार महिलाएं विलेज लेवल इंटरप्रेन्योर (वीएलई) देश में हैं तो बिहार में 2900 हैं। 39 हजार एससी-एसटी के वीएलई हैं। बिहार में 10 वीएलई सालाना 40 लाख से अधिक तो दो वीएलई सालाना एक करोड़ से अधिक कमा रहे हैं। प्रखंड स्तर पर कम से कम एक सीएससी में सैनिटरी नैपकिन बनाए जाएंगे। बेहतर तीन वीएलई को एक-एक लाख का नकद इनाम मिलेगा। मौके पर विधायक अरुण कुमार सिन्हा, नितिन नवीन व संजीव चैरसिया, सीएससी के सीईओ डॉ दिनेश त्यागी ने भी अपने विचार रखे। संचालन सीएससी चलाने वाली गया की महिला वैजंती देवी ने किया।

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