कानपुर-लखनऊ समेत इन 75 स्टेशनों पर भी खतरा

मुंबई में फुटओवर ब्रिज (एफओबी) पर हुई भगदड़ में 22 लोगों की मौत ने रेल मंत्रालय के कमजोर भीड़ प्रबंधन की पोल खोल दी है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, कानपुर, लखनऊ समेत देशभर में 75 बड़े रेलवे स्टेशनों पर पीकऑवर्स में हर रोज लाखों यात्रियों की भीड़ उमड़ती है। यहां कभी भी मुंबई की तरह बड़ा हादसा हो सकता है।  रेलवे के फुटओवर ब्रिज पर दिल्ली, इलाहाबाद सहित कई रेलवे स्टेशनों पर भगदड़ के कारण यात्रियों की जान जा चुकी है लेकिन रेलवे अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने को तैयार नहीं है। ट्रेनों में प्रतिदिन 2.40 करोड़ यात्री सफर करते हैं। इसमें 10 लाख हर रोज लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्रा करते हैं जबकि मुंबई में 60 लाख से अधिक दैनिक यात्री प्रतिदिन सफर करते हैं। इसी प्रकार नई दिल्ली के स्टेशनों पर 8 लाख से अधिक यात्रियों का हररोज आवागमन होता है। रेलवे के ए1 श्रेणी के स्टेशनों गाजियाबाद, मुरादाबाद, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, रांची, कोलकाता सहित 75 स्टेशनों की यही स्थिति है। रेलवे विशेषज्ञों का कहना है कि ए1 व ए श्रेणी के कुल 400 स्टेशनों पर लाखों यात्रियों की भीड़ को संभालने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। त्योहार के मौसम में भीड़ अधिक होती है लेकिन एफओबी पर अवैध वेंडर सामग्री बेचते हैं। जीआरपी-आरपीएफ उन्हें हटाने की जहमत नहीं उठाती है और न ही रेल यात्रियों को एफओबी से आने-जाने में सहायता करती है। कॉमर्शियल विभाग के अधिकारी शायद ही कभी स्टेशनों, प्लेटफार्म अथवा एफओबी पर भीड़ नियंत्रण करते नजर आते हैं। जानकारों का कहना है कि रेलवे की यह लापरवाही यात्रियों की भीड़ को कभी भी संकट में डाल सकती है।  रेलवे विशेषज्ञों का कहना है कि रेलवे स्टेशनों पर उमड़ने वाली भीड़ को संभालने के लिए जीआरपी, आरपीएफ सहित कॉमर्शियल विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की पूरी फौज है। उन्होंने बताया कि गर्मी की छुट्टियों, मेला, स्थानीय पर्व, दिवाली, होली, छठ पूजा आदि से पहले जोनल स्तर पर कॉमर्शियल विभाग भीड़ प्रबंधन के तहत योजनाएं तैयार करता है। रेल अधिकारी सहित जीआरपी-आरपीएफ संयुक्त रूप से इस पर अमल नहीं करते हैं। उनका ध्यान बगैर टिकट रेल यात्री व वेंडरों से पैसों की उगाही में रहता है। रेलवे भीड़ प्रबंधन के तहत ट्रेनों में एडवांस रिजर्वेशन टिकट की बिक्री बंद कर देता है। जिससे जरूरत से अधिक कोच में भीड़ न हो। कम भीड़ के लिए प्लेटफार्म टिकट नहीं दिए जाते हैं। सबसे अधिक संवेदनशील एफओबी माने जाते हैं, इसलिए जीआरपी-आरपीएफ को निर्देश होता है कि भीड़ यहां नहीं रुके। एफओबी पर अवैध वेंडर को नहीं होना चाहिए। आने-जाने के लिए पृथक रास्तों का इंतजाम किया जाता है। उनके मार्गदर्शन के लिए कर्मियों की तैनाती होनी चाहिए। यदि रेलवे संजीदगी से एक्शन प्लान पर अमल करे तो भगदड़ की घटनाओं को रोका जा सकता है।

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