एलायंस टुडे ब्यूरो
कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के बाद सूबे में सरकार बनाने की माथापच्ची शुरू हो गई है। कांग्रेस-जेडीएस सरकार बनाने का दावा पहले पेश कर चुकी है तो येदियुरप्पा द्वारा राज्यपाल से सात दिन का समय मांगा गया है। ऐसे में सूबे की सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद बीजेपी को सत्ता फिसलने का डर सता रहा है। इसी चुनावी गणित को साधने की खातिर बीजेपी संसदीय दल के नेताओं ने दिल्ली पार्टी मुख्यालय में बैठक की। इस बैठक में अमित शाह समेत प्रधानमंत्री मोदी, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, नितिन गडकरी, अनंत कुमार, थावर चंद गहलोत, शिवराज सिंह चैहान, जेपी नड्डा और रामलाल ने बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक का उद्देश्य पार्टी के लिए कर्नाटक में फंसी सत्ता की चाबी ढूंढना रहा। खबरों के अनुसार नतीजे साफ होने तक कांग्रेस और जेडीएस एक साथ आने का मन बना चुके हैं। सूत्रों की माने तो कांग्रेस कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप बीजेपी को रोकने का प्रयास कर रही है। वहीं बीजेपी की कोशिश है कि जेडीएस के लिए कांग्रेस से ज्यादा फायदेमंद साबित हो इस समीकरण को उलटा जाए। चुनावी नतीजे साफ होने के बाद बीजेपी सूबे में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। 222 में से बीजेपी को 104 सीटें हाथ लगी हैं। वहीं कांग्रेस को अपने पिछले सीटों में भारी नुकसान हुआ है और वो केवल 78 सीटें ही जीत पाई है। जबकी जेडीएस 38 सीटें जीतकर बड़े उलटफेर की संभावना पैदा कर रही है। वहीं अन्य के खाते में 2 सीटें हैं। देखना यही है कि बहुमत का आंकड़ा जुटाने के लिए बीजेपी संसदीय दल की बैठक से कौन सा फॉर्मूला निकाल पाती है।