ऐसे करें पूजा, मां स्कंदमाता की पूजा से भरेगी सूनी गोद,

नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना की जाती है। स्कंदमाता को सृष्टि की पहली प्रसूता स्त्री माना जाता है। भगवान स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। मां स्कंदमाता संतान से संबंधित सारी समस्याओं का निवारण करती हैं।

ऐसा है मां का स्वरूप:

स्कंदमाता शेर पर सवार रहती हैं। उनकी चार भुजाएं हैं। ये दाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा से स्कंद को गोद में पकड़े हुए हैं। नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प है।

अलगी स्लाइड में जानें पूजा का मंत्र

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