ऐशबाग की ऐतिहासिक रामलीला में रावण वध से पहले कन्या भ्रूण हत्या रोकने का संदेश दिया गया। यहां रावण दहन के साथ महिला हिंसा जैसी सामाजिक कुरीतियों को रोकने के लिए जनता से अपील की गई। राजधानी का सबसे ऊंचे 121 फुट ऊंचे रावण के दहन का दृश्य देखने के लिए मैदान में हजारों की भीड़ जमा थी। ऐशबाग में पिछले 22 सितम्बर से चल रही रामलीला में इसके पूर्व इन्द्रजीत के अनुष्ठान के दृश्य से शनिवार की कड़ी आगे बढ़ती है। इस संवाद को देखने के लिए राज्यपाल राम नाईक और उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा भी आए थे। इन्द्रजीत वध के बाद राज्यपाल और उपमुख्यमंत्री चले गए। वहीं, रामलीला में आगे इन्द्रजीत के वध से गुस्साया रावण पूरे विश्व को तहस नहस करने की चेतावनी देता है। रावण कहना है कि यह सारी नौबत सीता के कारण आई है। इस पर रावण के मंत्री उससे कहते हैं कि ऐसा करने से आपकी कीर्ति नष्ट हो जाएगी। स्त्री हत्या से बड़ी कायरता इस दुनिया में और कोई नहीं है। लोग कल को कहेंगे कि संकट की घड़ी में रावण घबरा गया और राम से युद्ध नहीं कर सका। मंत्रीगण रावण को धैर्य रखने की सलाह देते हैं। इसके बाद रावण श्री राम से युद्ध करने जाता है। राजधानी में ऐशबाग के अलावा जगह-जगह रावण दहन हुआ। निगोहां में 52 फुट का रावण बनाया गया था। ऐशबाग रामलीला मैदान में शनिवार को पैर रखने भर जगह नहीं बची थी। रावण दहन के बाद जब लोग वापस लौटने लगे तो भीषण जाम लग गया। इससे ऐशबाग से नाका के बीच में रेलवे ओवरब्रिज तक वाहनों की कतारें लग गईं। करीब एक से डेढ़ घंटे तक यही स्थिति बनी रही।