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वाशिंगटन। अमेरिका में नौकरी के लिए सोमवार से एच-1बी वीजा आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। उच्च कौशल वाले भारतीय पेशेवरों में इस वर्क वीजा की सबसे अधिक मांग रहती है। इस बार ट्रंप प्रशासन इस वीजा आवेदन की कड़ी जांच करेगा। अमेरिकी सिटिजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआइएस) ने संकेत दिया है कि आवेदन में मामूली गलतियों को भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस बार आवेदन खारिज होने की दर काफी ऊंची रहने की उम्मीद है। यूएससीआइएस एच-1बी वीजा प्रक्रिया को देखने वाली संघीय एजेंसी है। 2019 वित्त वर्ष के लिए एच-1बी वीजा आवेदन प्रक्रिया शुरू होने के काफी दिनों पहले यूएससीआइएस ने डुप्लीकेट आवेदन रद करने की चेतावनी दी थी। पहले के वर्षों में कंपनियां डुप्लीकेट आवेदन भरती थीं ताकि लॉटरी के जरिये होने वाले चयन में चुने जाने की संभावना ज्यादा हो सके। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि श्जल्द से जल्दश् एच-1बी वीजा की मांग के आग्रह वाले आवेदन खारिज कर दिए जाएंगे। बड़ी संख्या में आवेदन मिलने की उम्मीद और उनके जांच को देखते हुए प्रीमियम वीजा प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
भारतीयों को अमेरिका से बड़ी राहत, शुरू की एच-1बी वीजा प्रीमियम सेवा
आवेदकों से आवेदन फॉर्म के सभी सेक्शन को सही तरीके से पूरा करने और आवेदन के साथ वीजा पाने वाले के वैध पासपोर्ट की कॉपी शामिल करने को कहा गया है। यूएससीआइएस ने अभी यह संकेत नहीं दिया है कि पिछले वर्षों की तरह वीजा के लिए कंप्यूटर ड्रॉ निकाले जाएंगे। अमेरिकी संसद द्वारा तय एच-1बी वीजा की अधिकतम संख्या से काफी ज्यादा आवेदन मिलने पर ऐसा किया गया। संसद ने हर वित्त वर्ष के लिए 65,000 वीजा जारी करने की अधिकतम सीमा तय की है। पिछले वर्षों की तरह भारतीय कंपनियों को अन्य देशों की तुलना में काफी ज्यादा फीस देनी होगी। प्रत्येक एच-1बी वीजा आवेदन के लिए 6,000 डॉलर (करीब 3.9 लाख रुपये) फीस लगेगा।