नवरात्र की पूर्व संध्या पर के सभी मंदिरों में साफ-सफाई के बाद बुधवार को सजावट का दौर चला। इसके तहत शहर के तमाम मंदिरों को भव्य ढंग से सजाया गया है। गुरुवार को पहला नवरात्र होने पर मंदिरों में पूजा-अर्चना की विशेष व्यवस्था की गई है। प्रमुख मंदिरों को कई तरह के फूलों से सजाया गया है, जो विभिन्न राज्यों से मंगाए गए हैं।
कैंट स्थित बाबा मनोहरनाथ मंदिर के दुर्गा माता मंदिर में कलश प्रतिष्ठा और माता जी के दर्शन गुरुवार सुबह 6.15 से दर्शन शुरूहो जाएंगे। गुरुवार सुबह दुर्गा माता मंदिर में कलश प्रतिष्ठा व माता जी के पाठ सुबह से शुरू हो जाएंगे। मंदिर के बाहर गेट पर भव्य ढंग से दुर्गा मेला लगाया जाएगा। मेला 21 से 29 सितंबर तक चलेगा। इसमें बच्चों के लिए चाट पकौड़ी, पाव-भाजी, टिक्की, कुल्फी, गुजिया, गोल गप्पे आदि न्यूनतम दरों पर दी जाएगी।
शाम की आरती 7.35 पर होगी। वेस्ट एंड रोड स्थित मां अन्नपूर्णा देवी मंदिर की सजावट देखते ही बन रही है। नवरात्रों के दौरान मंदिर में गरीबों को खाना खिलाया जाएगा। मां शाकुंभरी देवी मंदिर में सहारनपुर स्थित शाकुंभरी देवी मंदिर से ज्योत लाई गई है। मंदिर के पुजारी पंडित दिनेश शास्त्री ने बताया कि सुबह-शाम मंदिर में विशेष आरती की जाएगी। शाम को महिलाएं भजन पूजन करेंगी। सदर स्थित काली माता मंदिर में भव्य सजावट के साथ ही पूजा के भी विशेष इंतजाम किए गए हैं।
सदर स्थित गुफा वाले मंदिर में सुबह नौ माताओं की आकर्षक तस्वीरें लगाई गई हैं। जिन्हें देखने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा है। नवरात्रों में सुबह से शाम तक विशेष पूजा की जाएगी। नई सड़क स्थित गोल मंदिर को भव्य ढंग से सजाया गया है। मंदिर के मैनेजिंग ट्रस्टी राजीव गौड़ ने बताया कि सुबह-शाम विशेष पूजा के साथ ही आरती की जाएगी। राज-राजेश्वरी मंदिर में माता रानी का सब्जियों से इकोफ्रेंडली श्रृंगार किया गया है।
मंदिर के मुख्य महंत दिव्यानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि नवरात्र में उपवास केवल शरीर का नहीं, वाणी का भी होना चाहिए। बताया कि मंदिर की सजावट में सब्जियों और फलों का उपयोग करना चाहिए। जागृति विहार स्थित मंशा देवी मंदिर में की सजावट देखते ही बन रही है। घरों में सजेंगी माता की चौकियांनवरात्र के लिए घरों में माता की चौकियां सजेंगी। इस बार इकोफ्रेंडली मूर्तियों का क्रेज बढ़ा है।
मुजफ्फरनगर स्थित ज्योतिष संस्था विष्णुलोक के संस्थापक पंडित विष्णु शर्मा ने नवरात्र के बारे में जानकारी दी। कहा कि इन नौ दिनों में जो व्यक्ति मां भगवती का अपने घर में पूजा-अर्चना करता है। उसे सुख-सपंत्ति मिलती है। नित्य दुर्गासप्ती शती का पाठ करके दुर्गा चालीसा पढ़ें। ‘ओउम् ऐं ह्वीं क्लीं चामुंडायै विच्यै का पाठ करें। ज्योतिषविद भारत ज्ञान भूषण ने बताया कि प्रथम स्वरूप शैलपुत्री देवी का है। इनकी पूजा से पूजा से कर्ज, बीमारियां व शनि का प्रकोप से बचाव होता है। साथ ही धन-धान्य की वृद्धि होती है।